बारिश में भीग गई थी,,

 Hello Dosto,,,,, कैसे हैं आप सब लोग उम्मीद है कि आप सब लोग बहुत बहुत बहुत अच्छे होंगे इंशा अल्लाह है ना मैं सही कह रही हूं। फिलहाल आपकी dost ठीक नही है दरासल हमें फीवर,, जुकाम और गला बैठ गया है,, साला मेरा गला ऐसा बैठा कि उठने का नाम ही नही ले रहा है।

attitude dp,



अभी तो मेरी आवाज़ भी नहीं कर रही है, अगर निकल  भी रही है तो इतनी  भयंकर कि कोई भी इंशान डर जायगा। मुझे खुद अपनी आवाज से डर लग रहा है ,, अपनी ही आवाज में कंफ्यूज हो रही हूं कि मेरी है या फिर किसी पडोसी की, या फिर  मैंने किसी के साथ चेंज कर ली अपनी आवाज.,,,..

फिलहाल तो मैं बहुत जल्दी ठीक हो जाऊंगी आप लोग टेंशन मत लीजिए मुझे पता है क्या आप यह जानना चाहते होंगे कि मुझे फीवर जुखाम खासी कैसे हो गया,, क्यों सही कहा है ना यह ही सोच रहे हो। तो मैं बारिश में भीग गए थे,,  


अम्मी पापा ने तुम बहुत मना किया मगर हम ठहरे aapki dost कहां किसी की सुनने वाले,,,, तो अब ना सुनने का यह नतीजा मिला हमें बीमार हो गए एग्जाम सर पर बैठे हैं मगर हम तो बीमार पड़े हैं। कैसे पढ़ाई करूं मन ही नहीं हो रहा है पढ़ाई करने का मन ही नही है।

आखिर में एक प्यारी सी शायरी,,,.  अर्ज कर्ते हैं हम,, 

अर्ज किया है,,, अरे इर्साद तो बोलो आप सब लोग,,,


जो तीर भी आता है, वो खाली नही जाता हैं,
मायूस मेरे दिल से सबाली नही जाता है,
काँटे ही किया करते हैं फूलो की हिफाजत,
फूलो को बचाने कोई माली नही आता है।

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